"हम न करते तो,.
**
हम न करते तो किसी और ने किया होता,
ये तो पहले से ही तय था कि ,ज़ुर्म होना है..
कौन कितना है गुनहग़ार ,.बेग़ुनाह कितना,?
ये फ़ैसला भी तो क़ातिल के घर ही होना है..
**
मुझे फ़ाँसी के तख़्त का ज़रा भी ख़ौफ़ नहीं ,
बस बता दो मेरे बाद उनका क्या होना है,?
रगों में इश्क़ बह रहा हो लहू सँग जिसके,
कहाँ उस पर किसी ज़हर का असर होना है..
**
आज बारिश हुई तो दिल को लगा साथ हो तुम,
धूप खिलते ही मग़र फ़िर से तुम्हें खोना है..
शुरू-शुरू में था अश्क़ों ने ख़ूब साथ दिया,
मग़र अब तो बिन आँसुओं के मुझे रोना है..
**
तुम्हें खोकर हमें अफ़सोस हो तो क्यूँ हो भला ?
वैसे भी एक दिन सब कुछ ही यहाँ खोना है..
इश्क़ की ताब से तबियत का तर्ज़ुमा बदला ,
जिस्म तो जिस्म मेरी जान भी अब सोना है..
**
जिन्हें परवाह नहीं फ़िक्र उनकी करता है,
अजब मिट्टी का बना दिल ग़ज़ब ख़िलौना है..
किये थे लाख जतन कोशिशें भी सौ की थी ,
मग़र होता है वही..ख़ैर !, जिसे होना है..
..,मग़र होता है वही..ख़ैर !, जिसे होना है..
... ***...
p"
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हम न करते तो किसी और ने किया होता,
ये तो पहले से ही तय था कि ,ज़ुर्म होना है..
कौन कितना है गुनहग़ार ,.बेग़ुनाह कितना,?
ये फ़ैसला भी तो क़ातिल के घर ही होना है..
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मुझे फ़ाँसी के तख़्त का ज़रा भी ख़ौफ़ नहीं ,
बस बता दो मेरे बाद उनका क्या होना है,?
रगों में इश्क़ बह रहा हो लहू सँग जिसके,
कहाँ उस पर किसी ज़हर का असर होना है..
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आज बारिश हुई तो दिल को लगा साथ हो तुम,
धूप खिलते ही मग़र फ़िर से तुम्हें खोना है..
शुरू-शुरू में था अश्क़ों ने ख़ूब साथ दिया,
मग़र अब तो बिन आँसुओं के मुझे रोना है..
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तुम्हें खोकर हमें अफ़सोस हो तो क्यूँ हो भला ?
वैसे भी एक दिन सब कुछ ही यहाँ खोना है..
इश्क़ की ताब से तबियत का तर्ज़ुमा बदला ,
जिस्म तो जिस्म मेरी जान भी अब सोना है..
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जिन्हें परवाह नहीं फ़िक्र उनकी करता है,
अजब मिट्टी का बना दिल ग़ज़ब ख़िलौना है..
किये थे लाख जतन कोशिशें भी सौ की थी ,
मग़र होता है वही..ख़ैर !, जिसे होना है..
..,मग़र होता है वही..ख़ैर !, जिसे होना है..
... ***...
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Adbhut...
ReplyDeleteHamesha likhte raho
U stand by d definition of writers are those who plunge deep into the ocean of thought and carry out gems of literature from it.
ReplyDeleteAcha likh lete ho ji..😉😉
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" शनिवार 05 अगस्त 2017 को लिंक की जाएगी ....
ReplyDeletehttp://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!
बहुत खूब....
ReplyDeleteपहली बार ब्लॉग पर आकर पढ़ा ---- कमाल के मुक्तक हैं --एक से बढकर एक ------------सस्नेह बधाई --
ReplyDeleteShuqriyaa Renu mam...��
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